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"मरण / आग्नेय" के अवतरणों में अंतर

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कुछ लोग जीते रहते हैं
 
कुछ लोग जीते रहते हैं

11:14, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

कुछ लोग जीते रहते हैं
आगे के समय में
मर जाने के लिए

अब तक मैं कैसे जीता रहा हूँ
जब पिछले समय में
मर चुका हूँ
कई-कई बार

जिससे तुम अब मिलती हो
वह मैं नहीं
मेरा प्रेत है

मैं ऎसा प्रेत हूँ
जिसे न जाने
क्यों तुम प्रेम मानने से
अस्वीकार करती हो

बार-बार
क्या तुम मुझे
एक प्रेत की तरह भी
जीने नहीं दोगी
अपने संसार में?