{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद फ़राज़
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{{KKPustak
|चित्र=Khanabhadosh.jpg
|भाषा=हिन्दी
|विषय=
|शैली=--
|पृष्ठ=335
|ISBN=--|विविध=--
}}
* [[तुझे उदास किया खुद भी सोगवार हुए / फ़राज़]]
* [[बुझा है दिल तो ग़मे-यार अब कहाँ तू भी / फ़राज़]]
* [[अच्छा था अगर ज़ख्म न भरते कोई दिन और / फ़राज़]]
* [[जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना / फ़राज़]]
* [[हम सुनायें तो कहानी और है / फ़राज़]]
* [[संगदिल है वो तो क्यूं इसका गिला मैंने किया / फ़राज़]]
* [[अब वो मंजर, ना वो चेहरे ही नजर आते हैं / फ़राज़]]
* [[अव्वल अव्वल की दोस्ती है अभी / फ़राज़]]