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"हर सुबह / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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जो मारा जाता है हर शाम
 
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और फिर
 
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रोशनियो के कटे हुए सिर
 
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टांग दिए जाते हैं खम्भों से
 
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ताकि ऎसी बदमाशी करने का साहस
 
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फिर किसी और में न हो
 
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और सचमुच किसी में नहीं होता
 
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वह सिर्फ़ सूरज ही होता है
 
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हर सुबह।
 
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10:52, 5 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

वह सिर्फ़ सूरज ही होता है
जो मारा जाता है हर शाम
और फिर
रोशनियो के कटे हुए सिर
टांग दिए जाते हैं खम्भों से
ताकि ऎसी बदमाशी करने का साहस
फिर किसी और में न हो

और सचमुच किसी में नहीं होता
वह सिर्फ़ सूरज ही होता है
हर सुबह।