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आदतन ही बीत जाएगा दिन / लाल्टू
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,
07:07, 24 मई 2010
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|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=
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Poem
poem
>
धीरे-धीरे हर बात पुरानी हो जाती है
चाय की चुस्की
आदतन ही बीत जाएगा दिन
जैसे बीत गए पचास बरस।
</poem>
अनिल जनविजय
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