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"मुनिया / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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फिर मुनिया रोती है क्यूँ ।
 
फिर मुनिया रोती है क्यूँ ।
  
गुडिय़ा इसकी रूठ गई,
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या गुडिय़ा फिर टूट गई ।
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या गड़िय़ा फिर टूट गई ।
  
 
टूटी को हम जोड़ेंगे,
 
टूटी को हम जोड़ेंगे,

02:39, 17 जून 2010 का अवतरण

मुनिया रोती ऊँ-ऊँ-ऊँ,
ना जाने रोती है क्यूँ ।

किसने इसको मारा है,
या इसको फटकारा है ।

रोना अच्छी बात नहीं,
फिर मुनिया रोती है क्यूँ ।

गुड़िय़ा इसकी रूठ गई,
या गड़िय़ा फिर टूट गई ।

टूटी को हम जोड़ेंगे,
रूठी है तो रूठी क्यूँ ।

मुनिया को मनाएँगे,
बार-बार बहलाएँगे ।

कारण पूछें रोने का,
मुनिया तू रोती है क्यूँ ।