गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
चारागर / मख़दूम मोहिउद्दीन
3 bytes removed
,
14:17, 12 अगस्त 2010
दो बदन
ओस में भीगते, चाँदनी में नहाते हुए
जैसे दो ताज़ा रू<ref>आत्मा</ref> ताज़ा दम फूल<ref>ताज़ा खिले हुए
फूल०
फूल
</ref> पिछले पहर
ठंडी-ठंडी सबक रौ<ref>मंद गति से चलने वाली</ref> चमन की हवा
सर्फ़े मातम हुई
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,039
edits