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"समंदर / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर

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खुद ही बहुत बेचैंन था
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'''रचनाकाल : 2005'''
 
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19:09, 7 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


ठहरे हुए पानी में
एक पत्थर मार कर किसी ने
पूरे समंदर को हिला दिया

या समंदर
खुद ही बहुत बेचैन था

रचनाकाल : 2005