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"कविता सूं बेसी / मदन गोपाल लढ़ा" के अवतरणों में अंतर

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कीं बेसी ईं हुवैला।
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कीं बेसी ईं हुवैला ।
 
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22:20, 30 नवम्बर 2010 का अवतरण

कुण कैवै
म्हैं कीं नीं लिख्यो
इण दिनां

कविता में सबद हुवै
प्राण
जीवण रो आधार ।

म्है रच्यो
जीवण ।

अबै सोच -
म्हारो रचाव
कविता सूं
कीं बेसी ईं हुवैला ।