Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह= सौ गुलाब खिले / गुलाब खं…) |
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तुम्हें भी याद वो फूलों की डाल है कि नहीं? | तुम्हें भी याद वो फूलों की डाल है कि नहीं? | ||
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जो सोचिये तो उलझता है जाल, 'है कि नहीं' | जो सोचिये तो उलझता है जाल, 'है कि नहीं' | ||
− | हमारे प्यार का रोना है कोई गीत नहीं | + | हमारे प्यार का रोना है, कोई गीत नहीं |
किसे है होश कि सुर और ताल है कि नहीं! | किसे है होश कि सुर और ताल है कि नहीं! | ||
00:16, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
हमें तो कहते हो, 'अपना ख़याल है कि नहीं?'
तुम्हारे दिल का भी ऐसा ही हाल है कि नहीं!
कभी तो पास चले आओ कि देखें हम भी
नज़र में अब भी वो पहला सवाल है कि नहीं
जहाँ पे बैठ के छेड़ी थी हमने प्यार की तान
तुम्हें भी याद वो फूलों की डाल है कि नहीं?
जो देखिये तो वही वह दिखाई देता है
जो सोचिये तो उलझता है जाल, 'है कि नहीं'
हमारे प्यार का रोना है, कोई गीत नहीं
किसे है होश कि सुर और ताल है कि नहीं!
चुभे हैं तन में तो काँटे हज़ार-लाख, मगर
गुलाब लाल है अब तक, कमाल है कि नहीं