Last modified on 27 जून 2017, at 19:06

"आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह =   
 
|संग्रह =   
 
}}  
 
}}  
 +
{{KKCatGhazal}}
 +
<poem>
 +
आदतन तुम ने कर दिये वादे
 +
आदतन हम ने ऐतबार किया
  
 +
तेरी राहों में हर बार रुक कर
 +
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
  
आदतन तुम ने कर िदये वादे <br>
+
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब  
आदतन हम ने ऐतबार िकया
+
ये गुनाह हम ने एक बार किया
 
+
</poem>
तेरी राहों में हर बार रुक कर <br>
+
हम ने अपना ही इन्तज़ार िकया
+
 
+
अब ना माँगेंगे िजन्दगी या रब <br>
+
ये गुनाह हम ने एक बार िकया
+

19:06, 27 जून 2017 के समय का अवतरण

आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया

तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया

अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया