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− | '[[जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां, | + | '''सिख गुरु''' |
− | के वड्डे हो के डाके डालदा, जगया,
| + | * [[गुरु नानकदेव]] |
− | ]] | + | * [[गुरु अंगद देव]] |
− | जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,
| + | * [[गुरु अमर दास]] |
− | | + | * [[गुरु राम दास]] |
− | के वड्डे हो के डाके डालदा, जगया,
| + | * [[गुरु अर्जन दास]] |
− | | + | * [[गुरु तेग बहादुर]] |
− | के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
| + | * [[गुरु गोबिन्द सिंह]] |
− | | + | '''अन्य रचनाकार''' |
− | -जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां,
| + | * [[बाबा शेख़ फ़रीद]] |
− | | + | * [[बुल्ले शाह]] |
− | के सारे पिंड गुड वण्डया, जगया,
| + | * [[वारिस शाह]] |
− | | + | * [[लाला धनी राम चतरिक]] |
− | के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
| + | * [[शिव कुमार बटालवी]] |
− | | + | * [[सुरजीत पातर]] |
− | जग्गे मारया लैलपुर डाका,
| + | * [[अमृता प्रीतम]] |
− | | + | * [[पाश]] |
− | के तारां खड़क गईयाँ
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− | -जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा,
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− | मैं इक थाईं दो जणदी, जगया!
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− | के टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वजया
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− | -जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया,
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− | ते भैण दा सुहाग चुमके, मखना,
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− | के क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
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− | -जग्गा मारया बोड दी छां ते,
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− | के नौ मण रेत भिज गयी, सुरना !
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− | के माँ दा मार दित्ताइ पुत्त सूरमा,
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− | -चली दुक्खां दी अन्हेरी ऐसी,
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− | के दीवे वाली लाट बुझ गयी, चानना!
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− | वे तेरे बिना मान कित्थे नहिंयों जानना?
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− | - वे तू दुक्ख पुत्तरां दा वेखें,
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− | वे टूटे तेरा मान हाकमा, ढोल वे!
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− | के गंगाजल विच क्यों दित्तइ जहर घोल वे,
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− | -सानू शगणा दा कर दे लीरा,
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− | के छड़ेयां दा पुन्न तोड़ दे, हाल नी!
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− | के होणी खेड गयी, चाल नेरे नाळ नी,
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− | -बारी खोल के यारी दी लाज रख लै,
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− | मित्तरो! तेरे चन दी, नारे नी
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− | देख तेनु सज्जन बुए ते वाजाँ मारे नी,
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− | -लम्ब होकयां दे बल पये औंदे,
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− | के खदरान नू अग्ग लग गई, हाय नी!
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− | के भौर उड़ गये ते फुल कुम्ल्हाने नी.
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− | -जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां,
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− | के सारे पिंड गुड वण्डया, जगया,
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− | जगया, के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
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