भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अचल कवि (अच्युतानंद)" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
|विविध=कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी। | |विविध=कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी। | ||
|जीवनी=[[अचल कवि (अच्युतानंद) / परिचय]] | |जीवनी=[[अचल कवि (अच्युतानंद) / परिचय]] | ||
− | |अंग्रेज़ीनाम=Achal kavi ( | + | |अंग्रेज़ीनाम=Achal kavi (Achyutanand) |
}} | }} | ||
{{KKCatBihar}} | {{KKCatBihar}} | ||
− | + | ====प्रतिनिधि रचनाएँ==== | |
* [[विश्वव्याप्ति कमल मध्य विलसति है नीलवर्ण / अचल कवि (अच्युतानंद)]] | * [[विश्वव्याप्ति कमल मध्य विलसति है नीलवर्ण / अचल कवि (अच्युतानंद)]] | ||
* [[हौ तूं भय हारणि दुःख विपति विदारिणी माँ / अचल कवि (अच्युतानंद)]] | * [[हौ तूं भय हारणि दुःख विपति विदारिणी माँ / अचल कवि (अच्युतानंद)]] | ||
− | |||
− |
22:28, 11 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
अचल कवि (अच्युतानंद)
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | अठारहवीं शताब्दी |
---|---|
जन्म स्थान | बिहार, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
कृष्णकवि के पुत्र और कवि लक्ष्मीनाथ परमहंस के परमप्रिय शिष्य । 107 वर्ष की आयु तक जीवित रहे। मिथिला-नरेश लक्ष्मीश्वर सिंह के दरबारी कवि थे। रायबहादुर लक्ष्मीनारायण सिंह (पंचगछिया)के प्रथम गुरू माने जाते हैं। मृदंगाचार्य और योगी के रूप में भी बड़ी ख्याति थी। | |
जीवन परिचय | |
अचल कवि (अच्युतानंद) / परिचय |