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"गुड़ मिलेगा / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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14:00, 10 मई 2009 के समय का अवतरण
गूंगा रहोगे
गुड़ मिलेगा
रुत हँसेगी
दिल खिलेगा
पैसे झरेंगे
पेड़ हिलेगा
सिर गायब,
टोपा सिलेगा
गूंगा रहोगे
गुड़ मिलेगा
(1988 में रचित)