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"पीड़ पच्चीसी / राजेन्‍द्र स्‍वर्णकार" के अवतरणों में अंतर

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<poem>रजथानी रै राज में , गुणियां रो ओ मोल !
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हंस डुसड़का भर मरै , कागा करै किलोळ !!
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रजथानी रै राज में, गुणियां रो ओ मोल!
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हंस डुसड़का भर मरै, कागा करै किलोळ!!
  
रजथानी रै खेत नैं , चरै बजारू सांड !
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रजथानी रै खेत नैं, चरै बजारू सांड!
खेत धणी पच पच मरै , मौज करै सठ भांड !!
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खेत धणी पच पच मरै, मौज करै सठ भांड!!
  
कांसो किण रो… कुण भखै ; ज़बर मची रे लूंट !
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कांसो किण रो… कुण भखै; ज़बर मची रे लूंट!
चूंग रहया रजथान री गाय ; सांडिया ऊंठ !!
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चूंग रहया रजथान री गाय; सांडिया ऊंठ!!
  
 
महल किणी रो घुस गया कित सूं आ'य लठैत ?
 
महल किणी रो घुस गया कित सूं आ'य लठैत ?
घर आळां  पर  घौरकां धमलां सागै  बैंत !!
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घर आळां  पर  घौरकां धमलां सागै  बैंत!!
  
शरण जकां नैं दी ; हुया बै छाती असवार !
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शरण जकां नैं दी; हुया बै छाती असवार!
हक़ मांगां अब भीख ज्यूं ? रजथानी लाचार !?
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हक़ मांगां अब भीख ज्यूं? रजथानी लाचार!?
  
रजथानी गढ आंगणां , रै'गी कैड़ी थोथ ?
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रजथानी गढ आंगणां, रै'गी कैड़ी थोथ?
राजा परजा सूरमां थकां मांद क्यूं जोत !?
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राजा परजा सूरमां थकां मांद क्यूं जोत!?
  
भणिया गुणिया मोकळा बेटां री है भीड़ !
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भणिया गुणिया मोकळा बेटां री है भीड़!
सिमरथ ऐड़ो एक नीं ? मेटे मा री पीड़ !!
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सिमरथ ऐड़ो एक नीं ? मेटे मा री पीड़!!
  
पूत करोड़ूं सूरमा राजा गुणी कुबेर !
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पूत करोड़ूं सूरमा राजा गुणी कुबेर!
रजथानी खातर किंयां ओज्यूं सून अंधेर ?!
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रजथानी खातर किंयां ओज्यूं सून अंधेर?!
  
माता नऊ करोड़ री रो रो ' करै पुकार !
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माता नऊ करोड़ री रो रो ' करै पुकार!
निवड़या पूत कपूत का भुजां हुई मुड़दार ?!
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निवड़या पूत कपूत का भुजां हुई मुड़दार?!
  
समदर उफ़णै काळजै , सींव तोड़ियां काळ !
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समदर उफ़णै काळजै, सींव तोड़ियां काळ!
सुरसत रा बेटां! करो मा री अबै संभाळ !!
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सुरसत रा बेटां! करो मा री अबै संभाळ!!
  
निज भाषा, मा, भोम रो,जका नीं करै माण !
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निज भाषा, मा, भोम रो,जका नीं करै माण!
उण कापुरुषां रो जलम दुरभागां री खाण !!
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उण कापुरुषां रो जलम दुरभागां री खाण!!
  
 
जायोड़ा जाणै नहीं जे जननी री झाळ !
 
जायोड़ा जाणै नहीं जे जननी री झाळ !
उण घर रो रैवै नहीं रामैयो रिछपाळ !!
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उण घर रो रैवै नहीं रामैयो रिछपाळ!!
  
निज भाषा रो गीरबो करतां क्यां री लाज ?
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निज भाषा रो गीरबो करतां क्यां री लाज?
मात भोम, भाषा 'र मा सिरजै सुघड़ समाज !!
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मात भोम, भाषा 'र मा सिरजै सुघड़ समाज!!
  
 
मिसरी सूं मीठी जकी…राजस्थानी नांव !
 
मिसरी सूं मीठी जकी…राजस्थानी नांव !
व्हाला भायां, ल्यो अबै निज भाषा री छांव !!
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व्हाला भायां, ल्यो अबै निज भाषा री छांव!!
  
माता नैं मत त्यागजो , त्याग दईजो प्राण !
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माता नैं मत त्यागजो, त्याग दईजो प्राण!
मा आगै सब धू्ड़ है…धन जोबन अर माण !!  
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मा आगै सब धू्ड़ है…धन जोबन अर माण!!  
  
अरे सपूतां ! सीखल्यो माता रो सन्मान !
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अरे सपूतां! सीखल्यो माता रो सन्मान!
मा नैं पूज्यां' पूजसी थांनैं जगत जहान !!
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मा नैं पूज्यां' पूजसी थांनैं जगत जहान!!
  
नव निध मा रै नांव में , राखीजो विशवास !
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नव निध मा रै नांव में , राखीजो विशवास!
मत बणजो माता थकां और किणी रा दास !!
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मत बणजो माता थकां और किणी रा दास!!
  
माता रै चरणां धरो , बेटां ! हस हस शीश !
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माता रै चरणां धरो, बेटां! हस हस शीश!
खूटै सगळा धन, अखी माता री आशीष !!
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खूटै सगळा धन, अखी माता री आशीष!!
  
मा मूंढै सूं कद करै आवभगत री मांग ?
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मा मूंढै सूं कद करै आवभगत री मांग?
आदर तो मन सूं हुवै , बाकी ढोंग 'र स्वांग !!
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आदर तो मन सूं हुवै, बाकी ढोंग 'र स्वांग!!
  
करम वचन मन सूं करो माता रा जस गान !
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करम वचन मन सूं करो माता रा जस गान!
रजथानी अपणो धरम , रजथानी ईमान !!
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रजथानी अपणो धरम, रजथानी ईमान!!
  
गूंजै कसबां तालुकां ढाण्यां शहर 'र गांव !
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गूंजै कसबां तालुकां ढाण्यां शहर 'र गांव!
भाषा राजस्थान री… राजस्थानी  नांव !!
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भाषा राजस्थान री… राजस्थानी  नांव!!
  
वाणी राजस्थान री जिण री कोनी होड !
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वाणी राजस्थान री जिण री कोनी होड!
होठ उचारै ; काळजां मोद हरख अर कोड !!
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होठ उचारै; काळजां मोद हरख अर कोड!!
  
उपजै हिवड़ै हेत ; थे बोलो तो इक बार !
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उपजै हिवड़ै हेत; थे बोलो तो इक बार!
राजस्थानी ऊचरयां ' बरसै इमरत धार !!
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राजस्थानी ऊचरयां' बरसै इमरत धार!!
  
इमरत रो समदर भरयो , पीवो भर भर बूक !
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इमरत रो समदर भरयो, पीवो भर भर बूक!
रजथानी है प्रीत री औषध असल अचूक !!
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रजथानी है प्रीत री औषध असल अचूक!!
  
पैलां मा नैं मा गिणां आपां हुय ' दाठीक !
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पैलां मा नैं मा गिणां आपां हुय' दाठीक!
मरुवाणी नैं मानसी ओ जग जेज इतीक !!
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मरुवाणी नैं मानसी ओ जग जेज इतीक!!
 
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11:33, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

रजथानी रै राज में, गुणियां रो ओ मोल!
हंस डुसड़का भर मरै, कागा करै किलोळ!!

रजथानी रै खेत नैं, चरै बजारू सांड!
खेत धणी पच पच मरै, मौज करै सठ भांड!!

कांसो किण रो… कुण भखै; ज़बर मची रे लूंट!
चूंग रहया रजथान री गाय; सांडिया ऊंठ!!

महल किणी रो घुस गया कित सूं आ'य लठैत ?
घर आळां पर घौरकां धमलां सागै बैंत!!

शरण जकां नैं दी; हुया बै छाती असवार!
हक़ मांगां अब भीख ज्यूं? रजथानी लाचार!?

रजथानी गढ आंगणां, रै'गी कैड़ी थोथ?
राजा परजा सूरमां थकां मांद क्यूं जोत!?

भणिया गुणिया मोकळा बेटां री है भीड़!
सिमरथ ऐड़ो एक नीं ? मेटे मा री पीड़!!

पूत करोड़ूं सूरमा राजा गुणी कुबेर!
रजथानी खातर किंयां ओज्यूं सून अंधेर?!

माता नऊ करोड़ री रो रो ' करै पुकार!
निवड़या पूत कपूत का भुजां हुई मुड़दार?!

समदर उफ़णै काळजै, सींव तोड़ियां काळ!
सुरसत रा बेटां! करो मा री अबै संभाळ!!

निज भाषा, मा, भोम रो,जका नीं करै माण!
उण कापुरुषां रो जलम दुरभागां री खाण!!

जायोड़ा जाणै नहीं जे जननी री झाळ !
उण घर रो रैवै नहीं रामैयो रिछपाळ!!

निज भाषा रो गीरबो करतां क्यां री लाज?
मात भोम, भाषा 'र मा सिरजै सुघड़ समाज!!

मिसरी सूं मीठी जकी…राजस्थानी नांव !
व्हाला भायां, ल्यो अबै निज भाषा री छांव!!

माता नैं मत त्यागजो, त्याग दईजो प्राण!
मा आगै सब धू्ड़ है…धन जोबन अर माण!!

अरे सपूतां! सीखल्यो माता रो सन्मान!
मा नैं पूज्यां' पूजसी थांनैं जगत जहान!!

नव निध मा रै नांव में , राखीजो विशवास!
मत बणजो माता थकां और किणी रा दास!!

माता रै चरणां धरो, बेटां! हस हस शीश!
खूटै सगळा धन, अखी माता री आशीष!!

मा मूंढै सूं कद करै आवभगत री मांग?
आदर तो मन सूं हुवै, बाकी ढोंग 'र स्वांग!!

करम वचन मन सूं करो माता रा जस गान!
रजथानी अपणो धरम, रजथानी ईमान!!

गूंजै कसबां तालुकां ढाण्यां शहर 'र गांव!
भाषा राजस्थान री… राजस्थानी नांव!!

वाणी राजस्थान री जिण री कोनी होड!
होठ उचारै; काळजां मोद हरख अर कोड!!

उपजै हिवड़ै हेत; थे बोलो तो इक बार!
राजस्थानी ऊचरयां' बरसै इमरत धार!!

इमरत रो समदर भरयो, पीवो भर भर बूक!
रजथानी है प्रीत री औषध असल अचूक!!

पैलां मा नैं मा गिणां आपां हुय' दाठीक!
मरुवाणी नैं मानसी ओ जग जेज इतीक!!