Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= राजेन्द्रा स्वणर्णकार |संग्रह= }} [[Category:मूल राजस्…) |
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| − | <poem>आकां माथै हरयाळ्यां | + | <poem> |
| + | आकां माथै हरयाळ्यां | ||
सूखै तुलछी री डाळ्यां | सूखै तुलछी री डाळ्यां | ||
11:35, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
आकां माथै हरयाळ्यां
सूखै तुलछी री डाळ्यां
गंगाजी नै गाळ अबै
पूजीजै गंदी नाळ्यां
थोर हंसै गमला में, अर
खेत सडै सिट्टा बाळ्यां
अबै अमूझो - अंधारो
करै झरोखा अर झाळ्यां
गिणै न बायां - बेट्यां नै
अधमां रै टपकै लाळ्यां
माथो जठै पीटणो व्है
लोग बठै पीटै ताळ्यां
आं रो कीं करणो पडसी
राजिंद, नीं चालै टाळ्यां