Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) |
Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
उठाके चाँद-सितारे जिधर गयी है रात | उठाके चाँद-सितारे जिधर गयी है रात | ||
− | ये शोख़ियाँ, ये अदाएँ कहाँ थीं दिन के | + | ये शोख़ियाँ, ये अदाएँ कहाँ थीं दिन के वक़्त! |
कुछ और आप पे जादू-सा कर गयी है रात | कुछ और आप पे जादू-सा कर गयी है रात | ||
हथेलियों पे हमारी है चाँद पूनम का | हथेलियों पे हमारी है चाँद पूनम का | ||
− | + | किसीकी शोख़ लटों में उतर गयी है रात | |
मिला न कोई महक दिल की तौलनेवाला | मिला न कोई महक दिल की तौलनेवाला | ||
गुलाब! आपकी यों ही गुज़र गयी है रात | गुलाब! आपकी यों ही गुज़र गयी है रात | ||
<poem> | <poem> |
01:59, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
कुछ और चाँद के ढलते सँवर गयी है रात
हमारे प्यार की ख़ुशबू से भर गयी है रात
कोई तो और भी महफ़िल वहाँ सजी होगी
उठाके चाँद-सितारे जिधर गयी है रात
ये शोख़ियाँ, ये अदाएँ कहाँ थीं दिन के वक़्त!
कुछ और आप पे जादू-सा कर गयी है रात
हथेलियों पे हमारी है चाँद पूनम का
किसीकी शोख़ लटों में उतर गयी है रात
मिला न कोई महक दिल की तौलनेवाला
गुलाब! आपकी यों ही गुज़र गयी है रात