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छवि को सदन मोद मंडित बदन-चंद<br>
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छवि को सदन मोद मंडित बदन-चंद
::तृषित चखनि लाल, कब धौ दिखाय हौ।<br>
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::तृषित चषनि लाल, कबधौ दिखाय हौ।
चटकीलो भेख करें मटकीली भाँति सों ही<br>
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चटकीलौ भेष करें मटकीली भाँति सौही
::मुरली अधर धरे लटकत आय हौ।<br>
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::मुरली अधर धरे लटकत आय हौ।
लोचन ढुराय कछु मृदु मुसक्याय, नेह<br>
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लोचन ढुराय कछु मृदु मुसिक्याय, नेह
::भीनी बतियानी लड़काय बतराय हौ। <br>
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::भीनी बतियानी लड़काय बतराय हौ।
बिरह जरत जिय जानि, आनि प्रानप्यारे,<br>
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बिरह जरत जिय जानि, आनि प्रान प्यारे,
::कृपानिधि, आनंद को धन बरसाय हौ।।3।।<br>
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::कृपानिधि, आनंद को धन बरसाय हौ।
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10:57, 16 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

छवि को सदन मोद मंडित बदन-चंद
तृषित चषनि लाल, कबधौ दिखाय हौ।
चटकीलौ भेष करें मटकीली भाँति सौही
मुरली अधर धरे लटकत आय हौ।
लोचन ढुराय कछु मृदु मुसिक्याय, नेह
भीनी बतियानी लड़काय बतराय हौ।
बिरह जरत जिय जानि, आनि प्रान प्यारे,
कृपानिधि, आनंद को धन बरसाय हौ।