भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नजर- 2 / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>एक बार देखा प…) |
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी | |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी |
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}}<poem>एक बार देखा | {{KKCatKavita}}<poem>एक बार देखा |
03:56, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
एक बार देखा
पहली नजर में
सूरज से
नजरें गरमा गयीं
बदल गया दृश्य
कुछ इस कदर
शहर गायब हो गया
सब ओर अंधेरा छा गया..... !