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"धोरों की महक / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

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04:00, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

धोरे
धोरों की सुंदरता
क्यों लगती है सुहावनी !
धोरों पर सोते हैं
बैठते है
गुनगुनाते है
धोरों में चमक हैं !
क्या करता है यहां सोना ?
सोने को क्यों नहीं निकालते ?
निकलता है सोना
तभी तो कहता हैं
अमेरिका
भारत ज्ञान का विपुल भण्डार है
हथिया लेगें ये सारा विश्व !