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आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!
 
आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!
  
सबकी पूजा एक सी अलग हर रीत !
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सबकी पूजा एक सी अलग-अलग हर रीत !
 
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!
 
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!

19:26, 7 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

निदा फाजली साहब के दोहे

मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार ! दुःख ने दुःख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार !!

छोटा करके देखिये जीवन का विस्तार ! आँखों भर आकाश है बाँहों भर संसार !!

सबकी पूजा एक सी अलग-अलग हर रीत ! मस्जिद जाये मौलवी कोयल गए गीत !!