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"लरिक‍उनू ए० मे० पास कीहिनि / पढ़ीस" के अवतरणों में अंतर

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सबि पट्टी बिकी असट्टयि मा,
 
सबि पट्टी बिकी असट्टयि मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि।
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लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि।
पुरिखन का पानी खूबयि मिला,
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पुरिखन का पानी खुबयि मिला,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
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लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
  
अल्ला-बल्ला सब बेचि-खोंचि,
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अल्ला - बल्ला सब बेचि - खोंचि,
दुइ सउ का मनिया-अडरु किहिन।
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दुइ सउ का मनिया-अडरू किहिनि।
 
उहु उड़िगा चाहयि पानी मा,
 
उहु उड़िगा चाहयि पानी मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
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लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
  
हम मरति-खपति द्याखयि दउरयन,
+
हम मरति-खपति द्याखयि दउर्यन,
उइ मित्र मंडली मा नाचयिं।
+
दयि मिन्त्र मण्डली मा नाययिं।
दीदी-दरसनऊ न कयि पायन,
+
दीदा - दरसनऊ न कयि पायन,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
+
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
  
 
महतारी बिलखयि द्याखयि का,
 
महतारी बिलखयि द्याखयि का,
बिल्लायि म्यहरिया ब्वालयि का,
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बिल्लायि म्यहरिया ब्वालयि का।
उयि परे कलपु-घर पाले मा,
+
उरि परे कलपु-घर पाले मा,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
+
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
  
कालरु, नकटाई, सूटु-हैटु,
+
कालरू, नकटाई, सूटु, हैटु,
बंगला पर पहुंचे सजे-बजे।
+
बंगला पर पहुँचे सजे - बजे।
न उकरी न पायिनि पांचउ की,
+
नउकरी न पायिनि पाँउच की,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
+
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
  
अरजी लिक्खिनि अंगरेजी मा,
+
अरजी लिक्खिनि अँगरेजी मा
घातयिं पूंछयि चपरासिन ते।
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घातयिं<ref>तरकीबें, जुगत</ref> पूंछयि चपरासिन ते।
धिरकालु"पढ़ीस" पढ़ीसी का,
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धिरकालु ‘‘पढ़ीस’’ पढ़ीसी का,
लरिकउनू ए.मे. पास किहिनि॥
+
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥
 
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15:25, 21 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

सबि पट्टी बिकी असट्टयि मा,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि।
पुरिखन का पानी खुबयि मिला,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

अल्ला - बल्ला सब बेचि - खोंचि,
दुइ सउ का मनिया-अडरू किहिनि।
उहु उड़िगा चाहयि पानी मा,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

हम मरति-खपति द्याखयि दउर्यन,
दयि मिन्त्र मण्डली मा नाययिं।
दीदा - दरसनऊ न कयि पायन,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

महतारी बिलखयि द्याखयि का,
बिल्लायि म्यहरिया ब्वालयि का।
उरि परे कलपु-घर पाले मा,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

कालरू, नकटाई, सूटु, हैटु,
बंगला पर पहुँचे सजे - बजे।
नउकरी न पायिनि पाँउच की,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

अरजी लिक्खिनि अँगरेजी मा
घातयिं<ref>तरकीबें, जुगत</ref> पूंछयि चपरासिन ते।
धिरकालु ‘‘पढ़ीस’’ पढ़ीसी का,
लरिकउनू ए. मे. पास किहिनि॥

शब्दार्थ
<references/>