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"जौं हौं कहौं रहिए तौ / केशवदास" के अवतरणों में अंतर
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चलन कहौं तौ हित हानि नाहिं सहनो. | चलन कहौं तौ हित हानि नाहिं सहनो. | ||
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जैसियै सिखाऔ सीख तुमहीं सुजान प्रिय, | जैसियै सिखाऔ सीख तुमहीं सुजान प्रिय, | ||
तुमहिं चलत मोंहि जैसो कुछ कहनो. | तुमहिं चलत मोंहि जैसो कुछ कहनो. | ||
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11:16, 15 जनवरी 2015 के समय का अवतरण
जौं हौं कहौं रहिए तौ प्रभुता प्रगट होति,
चलन कहौं तौ हित हानि नाहिं सहनो.
भावै सो करहुँ तौ उदास भाव प्राननाथ!
साथ लै चलहु कैसे लोकलाज बहनो.
केशवदास की सौं तुम सुनहु,छबीले लाल,
चलेही बनत जौ पै,नाहीं आज रहनो.
जैसियै सिखाऔ सीख तुमहीं सुजान प्रिय,
तुमहिं चलत मोंहि जैसो कुछ कहनो.