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फूले कदम्ब
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खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार</div>
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रचनाकार: [[नागार्जुन]]
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रचनाकार: [[त्रिलोचन]]
 
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<div style="background: #fff; border: 1px solid #ccc; box-shadow: 0 0 10px #ccc inset; font-size: 16px; margin: 0 auto; padding: 0 20px; white-space: pre;">
फूले कदम्ब
+
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार
टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
+
अपरिचित पास आओ
फूले कदम्ब
+
 
सावन बीता
+
आँखों में सशंक जिज्ञासा
बादल का कोप नहीं रीता
+
मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा
जाने कब से वो बरस रहा
+
जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं
ललचाई आँखों से नाहक
+
स्तम्भ शेष भय की परिभाषा
जाने कब से तू तरस रहा
+
हिलो-मिलो फिर एक डाल के
मन कहता है छू ले कदम्ब
+
खिलो फूल-से, मत अलगाओ
फूले कदम्ब
+
 
झूले कदम्ब
+
सबमें अपनेपन की माया
</poem>
+
अपने पन में जीवन आया
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19:38, 7 मार्च 2015 के समय का अवतरण

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार

रचनाकार: त्रिलोचन

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ

आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं स्तम्भ शेष भय की परिभाषा हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो फूल-से, मत अलगाओ

सबमें अपनेपन की माया अपने पन में जीवन आया