भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"'ज़फ़र' मुरादाबादी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
|जन्म=1890 | |जन्म=1890 | ||
− | |जन्मस्थान=मुरादाबाद, भारत | + | |जन्मस्थान=मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
|मृत्यु=1958 | |मृत्यु=1958 | ||
|कृतियाँ= | |कृतियाँ= | ||
|विविध= | |विविध= | ||
− | + | |अंग्रेज़ीनाम=Zafar Moradabadi | |
− | |अंग्रेज़ीनाम= | + | |
|जीवनी=[['ज़फ़र' मुरादाबादी / परिचय]] | |जीवनी=[['ज़फ़र' मुरादाबादी / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | {{KKCatUttarPradesh}} |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | * [[बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | * [[बे-क़नाअत काफ़िले हिर्स ओ हवा ओढ़े हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | * [[कभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | * [[खुश-गमाँ हर आसरा बे-आसरा साबित हुआ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
− | * [[ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | + | * [[नक़ाब उस ने रूख़-ए-हुस्न-ए-ज़र पे डाल दिया / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
+ | * [[निगाह-ए-हुस्न-ए-मुजस्सम अदा हो छूते ही / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | ||
+ | * [[रात भर सूरज के बन कर हम-सफ़र वापस हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] | ||
+ | * [[तमाम रंग जहाँ इल्तिजा के रक्खे थे / 'ज़फ़र' मुरादाबादी]] |
04:17, 16 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
'ज़फ़र' मुरादाबादी
जन्म | 1890 |
---|---|
निधन | 1958 |
जन्म स्थान | मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'ज़फ़र' मुरादाबादी / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- बे-क़नाअत काफ़िले हिर्स ओ हवा ओढ़े हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- कभी दुआ तो कभी बद्-दुआ से लड़ते हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- खुश-गमाँ हर आसरा बे-आसरा साबित हुआ / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- नक़ाब उस ने रूख़-ए-हुस्न-ए-ज़र पे डाल दिया / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- निगाह-ए-हुस्न-ए-मुजस्सम अदा हो छूते ही / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- रात भर सूरज के बन कर हम-सफ़र वापस हुए / 'ज़फ़र' मुरादाबादी
- तमाम रंग जहाँ इल्तिजा के रक्खे थे / 'ज़फ़र' मुरादाबादी