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19:54, 4 अगस्त 2018 के समय का अवतरण

मइया धीरे धीरे आवेली अङनवा हो ना.
 
गमकेले सगरी डगरिया कि रतिया अँजोरिया हो ना
कि मइया थाहि थाहि धरेली चरनवा हो ना.
 
बघवा जे चले तरनाई आ ताके गुरनाई हो ना
कि भरि भरि आवेला डेराइ के नयनवा हो ना.
 
मइया जे हँसेली ठठाके कि कोरा में उठाके हो ना
कि अपना अँचरा से पोंछेली नयनवा हो ना.
 
विमल चरनिया के दास ओही के बाटे आस हो ना
कि मइया राखि लऽ ना अपने सरनवा हो ना.