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"नया वर्ष / त्रिलोक सिंह ठकुरेला" के अवतरणों में अंतर

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नये वर्ष की नयी सुबह ने
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नए वर्ष की नई सुबह ने
रंग बिखराये नये नये।
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रंग बिखराए नए-नए ।
सब में नये नये सूरज ने
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सब में नए-नए सूरज ने
स्वप्न जगाये नये नये॥
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स्वप्न जगाए नए-नए ।।
  
नयी उमंगे, नयी तरंगे
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नई उमंगे, नई तरंगे
नयी ताल, संगीत नया।
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नई ताल, संगीत नया ।
सब में जगीं नयी आशाऐं,
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सब में जगीं नई आशाएँ,
नयी बहारें, गीत नया॥
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नई बहारें, गीत नय ।।
  
नयी चाह है, नयी राह है
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नई चाह है, नई राह है
नयी सोच, हर बात नयी।
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नई सोच, हर बात नई।
नया जागरण, नयी दिशाऐं,
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नया जागरण, नई दिशाएँ,
नई लगन, सौगात नयी॥
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नई लगन, सौगात नई ।।
  
सब में नयी नेह धारायें
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सब में नई नेह धाराएँ
लेकर आया वर्ष नया।
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लेकर आया वर्ष नया ।
नया लगा हर एक नजारा,
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नया लगा हर एक नज़ारा,
सब में छाया हर्ष नया॥
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सब में छाया हर्ष नया ।।
 
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15:54, 9 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण

नए वर्ष की नई सुबह ने
रंग बिखराए नए-नए ।
सब में नए-नए सूरज ने
स्वप्न जगाए नए-नए ।।

नई उमंगे, नई तरंगे
नई ताल, संगीत नया ।
सब में जगीं नई आशाएँ,
नई बहारें, गीत नय ।।

नई चाह है, नई राह है
नई सोच, हर बात नई।
नया जागरण, नई दिशाएँ,
नई लगन, सौगात नई ।।

सब में नई नेह धाराएँ
लेकर आया वर्ष नया ।
नया लगा हर एक नज़ारा,
सब में छाया हर्ष नया ।।