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दवा काबिल से सीखो / 'सज्जन' धर्मेन्द्र
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07:32, 26 फ़रवरी 2024
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दवा
काबिल
क़ाबिल
से सीखो।दुआ
गाफ़िल
ग़ाफ़िल
से सीखो।
दिलों की तस्करी तुम,
मेरे
कातिल
क़ातिल
से सीखो।
छुपाना है किसी को?
हसीं के तिल से सीखो।
जो दिल टूटे करें क्या?
किसी पेंसिल से सीखो।
</poem>
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