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मंगल राधा कृष्ण नाम शुचि सरस सुहावन। | मंगल राधा कृष्ण नाम शुचि सरस सुहावन। | ||
मंगलमय अनुराग जुगल मन मोह बढ़ावन॥ | मंगलमय अनुराग जुगल मन मोह बढ़ावन॥ | ||
− | मंगल गावनि भाव सुमंगल | + | मंगल गावनि भाव सुमंगल बेनु बजावन। |
मंगल प्यारी मोद विहँसि मुख चंद दुरावन॥ | मंगल प्यारी मोद विहँसि मुख चंद दुरावन॥ | ||
मंगलमय प्रातहि उठि दोऊ कुंजनितें गृह आवईं। | मंगलमय प्रातहि उठि दोऊ कुंजनितें गृह आवईं। | ||
बद्रीनरायन जू तहाँ मंगल पाठ सुनावईं॥ | बद्रीनरायन जू तहाँ मंगल पाठ सुनावईं॥ | ||
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12:46, 2 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
मंगल राधा कृष्ण नाम शुचि सरस सुहावन।
मंगलमय अनुराग जुगल मन मोह बढ़ावन॥
मंगल गावनि भाव सुमंगल बेनु बजावन।
मंगल प्यारी मोद विहँसि मुख चंद दुरावन॥
मंगलमय प्रातहि उठि दोऊ कुंजनितें गृह आवईं।
बद्रीनरायन जू तहाँ मंगल पाठ सुनावईं॥