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गोटियाँ नाच नहीं रही हैं | गोटियाँ नाच नहीं रही हैं | ||
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बादल घुमड़ रहे हैं | बादल घुमड़ रहे हैं | ||
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बरसात हो नहीं रही है | बरसात हो नहीं रही है | ||
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नदी के तेवर समझ नहीं आते | नदी के तेवर समझ नहीं आते | ||
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रंगों की प्यालियों में | रंगों की प्यालियों में | ||
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जीभ पर टिकी कविता | जीभ पर टिकी कविता | ||
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फिर एक संघर्ष के लिए | फिर एक संघर्ष के लिए | ||
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18:27, 29 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
बिसात बिछी है
गोटियाँ नाच नहीं रही हैं
बादल घुमड़ रहे हैं
बरसात हो नहीं रही है
नदी के तेवर समझ नहीं आते
धार सागर से उलटी भाग रही है
केनवास बिछा पड़ा है
रंगों की प्यालियों में
तडक़ रही है
तस्वीरों की प्यास
जीभ पर टिकी कविता
सरक जाती है गले में
जन तैयार हो रहा है
फिर एक संघर्ष के लिए