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"रे मन / लावण्या शाह" के अवतरणों में अंतर

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रे मन, तूने ना मानी हार!
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घाव लगा बार बार,
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फिर भी,रे मन, तूने ना मानी हार !
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|रचनाकार=लावण्या शाह
हर प्रहार सह चुका, सुख दुख से दह चुका,
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जन्म मरण देख चुका,
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रे मन, तूने ना मानी हार!<br>
जीवन के प्राँगण मेँ रम चुका,
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घाव लगा बार बार,<br>
हे मन ! तूने ना मानी हार!
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फिर भी,रे मन, तूने ना मानी हार !<br>
भाई बँधु, प्रेम मध,माया विश्वास बिछोह,
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हर प्रहार सह चुका, सुख दुख से दह चुका,<br>
भोग चुका, छोड चुका, टूट गिरा जीवनका बेर !
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कितनी ही बेर ! हे मन ! तूने ना मानी हार!
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सोम रस , हलाहल, आज हँसी कल रुदन,
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हे मन ! तूने ना मानी हार!<br>
जीवनके मरुस्थल मेँ,या की नँदनवन मेँ,
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कर रहा प्रसार !
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तूने ना मानी हार!
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तूने ना मानी हार!<br>
 
हे मन ! तूने ना मानी हार!
 
हे मन ! तूने ना मानी हार!

00:07, 29 जून 2008 के समय का अवतरण

रे मन, तूने ना मानी हार!
घाव लगा बार बार,
फिर भी,रे मन, तूने ना मानी हार !
हर प्रहार सह चुका, सुख दुख से दह चुका,
जन्म मरण देख चुका,
जीवन के प्राँगण मेँ रम चुका,
हे मन ! तूने ना मानी हार!
भाई बँधु, प्रेम मध,माया विश्वास बिछोह,
भोग चुका, छोड चुका, टूट गिरा जीवनका बेर !
कितनी ही बेर ! हे मन ! तूने ना मानी हार!
सोम रस , हलाहल, आज हँसी कल रुदन,
जीवनके मरुस्थल मेँ,या की नँदनवन मेँ,
कर रहा प्रसार !
तूने ना मानी हार!
हे मन ! तूने ना मानी हार!