भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पहली फ़िल्म की रोशनी / आलोक धन्वा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = आलोक धन्वा }} जिस रात बांध टूटा और शहर में पानी घुसा त...) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार = आलोक धन्वा | |रचनाकार = आलोक धन्वा | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
+ | <poem> | ||
जिस रात बांध टूटा | जिस रात बांध टूटा | ||
− | |||
और शहर में पानी घुसा | और शहर में पानी घुसा | ||
− | |||
तुमने ख़बर तक नहीं ली | तुमने ख़बर तक नहीं ली | ||
− | |||
जैसे तुम इतनी बड़ी हुई बग़ैर इस शहर के | जैसे तुम इतनी बड़ी हुई बग़ैर इस शहर के | ||
− | |||
जहाँ तुम्हारी पहली रेल थी | जहाँ तुम्हारी पहली रेल थी | ||
− | |||
पहली फिल्म की रोशनी | पहली फिल्म की रोशनी | ||
+ | </poem> |
00:51, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
जिस रात बांध टूटा
और शहर में पानी घुसा
तुमने ख़बर तक नहीं ली
जैसे तुम इतनी बड़ी हुई बग़ैर इस शहर के
जहाँ तुम्हारी पहली रेल थी
पहली फिल्म की रोशनी