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मुझसे मेरा नाम न पूछो । | मुझसे मेरा नाम न पूछो । | ||
− | तुमको अगणित चिन्ताएँ हैं | + | तुमको अगणित चिन्ताएँ हैं, तुम दुनिया के चिन्तित मानव, |
− | तुम दुनिया के चिन्तित मानव | + | सह न सकोगे दुर्बल जर्जर, मेरी अन्तर्ध्वनियों का रव । |
− | सह न सकोगे दुर्बल जर्जर | + | अपना उजड़ा-सा घर देखो |
− | मेरी अन्तर्ध्वनियों का रव | + | मेरा उजड़ा गाम न पूछो । |
− | अपना उजड़ा-सा घर देखो | + | मुझसे मेरा नाम न पूछो ।। |
− | मेरा उजड़ा गाम न पूछो । | + | |
− | तुमको अपनी सौ साधें हैं | + | तुमको अपनी सौ साधें हैं, तुमको अपने सौ धन्धे हैं, |
− | तुमको अपने सौ धन्धे हैं | + | मेरी साधें शव हैं जिनको, दूभर मिलने दो कन्धे हैं । |
− | मेरी साधें शव हैं जिनको | + | मत पूछो मैं क्यों आया हूँ |
− | दूभर मिलने दो कन्धे हैं | + | काम बढ़ेगा ,काम न पूछो । |
− | मत पूछो मैं क्यों आया हूँ | + | मुझसे मेरा नाम न पूछो ।। |
− | काम बढ़ेगा ,काम न पूछो । | + | |
− | मैं राही हूँ जिसने चलना | + | मैं राही हूँ जिसने चलना, शुरू किया है आन्धी से लड़ना |
− | शुरू किया है आन्धी से लड़ना | + | मैं राही हूँ जिसकी राहें, गुरु गिरि गह्वर ऊबड़- खाबड़ |
− | मैं राही हूँ जिसकी राहें | + | सुबह मौत के मुँह से निकला |
− | गुरु गिरि गह्वर ऊबड़- खाबड़ | + | आने वाली शाम न पूछो । |
− | सुबह मौत के मुँह से निकला | + | मुझसे मेरा नाम न पूछो ।। |
− | आने वाली शाम न पूछो । | + | |
− | मुझसे मेरा नाम न पूछो | + | |
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00:26, 14 मई 2020 के समय का अवतरण
मुझसे मेरा नाम न पूछो ।
तुमको अगणित चिन्ताएँ हैं, तुम दुनिया के चिन्तित मानव,
सह न सकोगे दुर्बल जर्जर, मेरी अन्तर्ध्वनियों का रव ।
अपना उजड़ा-सा घर देखो
मेरा उजड़ा गाम न पूछो ।
मुझसे मेरा नाम न पूछो ।।
तुमको अपनी सौ साधें हैं, तुमको अपने सौ धन्धे हैं,
मेरी साधें शव हैं जिनको, दूभर मिलने दो कन्धे हैं ।
मत पूछो मैं क्यों आया हूँ
काम बढ़ेगा ,काम न पूछो ।
मुझसे मेरा नाम न पूछो ।।
मैं राही हूँ जिसने चलना, शुरू किया है आन्धी से लड़ना
मैं राही हूँ जिसकी राहें, गुरु गिरि गह्वर ऊबड़- खाबड़
सुबह मौत के मुँह से निकला
आने वाली शाम न पूछो ।
मुझसे मेरा नाम न पूछो ।।