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आज फिर शुरू हुआ जीवन
  
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आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी
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आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा
  
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जी भर आज मैंने शीतल जल से स्नान किया
  
आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी<br>
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आज एक छोटी-सी बच्ची आई,किलक मेरे कन्धे चढ़ी
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा<br><br>
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आज मैंने आदि से अन्त तक पूरा गान किया
  
जी भर आज मैंने शीतल जल से स्नान किया<br><br>
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आज फिर जीवन शुरू हुआ ।
 
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आज एक छोटी-सी बच्ची आयी,किलक मेरे कन्धे चढ़ी<br>
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आज मैंने आदि से अन्त तक पूरा गान किया<br><br>
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20:36, 17 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

आज फिर शुरू हुआ जीवन

आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा

जी भर आज मैंने शीतल जल से स्नान किया

आज एक छोटी-सी बच्ची आई,किलक मेरे कन्धे चढ़ी
आज मैंने आदि से अन्त तक पूरा गान किया

आज फिर जीवन शुरू हुआ ।