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"प्‍यार:एक छाता / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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आश्रय देता है गीला होता है।
 
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10:11, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

विपदाएँ आते ही,
खुलकर तन जाता है
हटते ही
चुपचाप सिमट ढीला होता है;
वर्षा से बचकर
कोने में कहीं टिका दो,
प्‍यार एक छाता है
आश्रय देता है गीला होता है।