"रूमाल / ग़स्सान ज़क़तान / निधीश त्यागी" के अवतरणों में अंतर
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और रहने देते हैं उन शहरों के सूरज को | और रहने देते हैं उन शहरों के सूरज को | ||
तुम्हारे कंधों पर रखे गुलाब | तुम्हारे कंधों पर रखे गुलाब | ||
− | के अक्स में. | + | के अक्स में । |
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+ | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : निधीश त्यागी''' | ||
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+ | '''अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए''' | ||
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+ | Nothing's left to say between us | ||
+ | everything went | ||
+ | into the train that hid its whistle | ||
+ | in the smoke that didn't become a cloud | ||
+ | in the departure that gathered your limbs | ||
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+ | Nothing's left to say between us | ||
+ | so let your death be | ||
+ | the insight of dazzling silver | ||
+ | and let the sun of those cities | ||
+ | be a rose on your shoulders | ||
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+ | Translated by Fady Joudah. | ||
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14:08, 15 जुलाई 2024 के समय का अवतरण
हमारे बीच कहने को कुछ न बचा
सब उस ट्रेन में चला गया जिसने अपनी सीटी
उस धुएँ में छुपा ली जो बादल न बन सका
उस चले जाने में, जिसने तुम्हारे हाथ पाँव बटोरा किए
कुछ भी नहीं बचा कहने को हमारे बीच
इसलिए रहने देते हैं तुम्हारी मौत को
चमकती चाँदी की गहरी कौंध
और रहने देते हैं उन शहरों के सूरज को
तुम्हारे कंधों पर रखे गुलाब
के अक्स में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : निधीश त्यागी
अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Ghassan Zaqtan
Handkerchief
Nothing's left to say between us
everything went
into the train that hid its whistle
in the smoke that didn't become a cloud
in the departure that gathered your limbs
Nothing's left to say between us
so let your death be
the insight of dazzling silver
and let the sun of those cities
be a rose on your shoulders
Translated by Fady Joudah.