Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
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| − | प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी ? | + | <poem> |
| − | प्रेम वो प्रपात | + | प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? |
| − | गीत दिवारात | + | ::प्रेम वो प्रपात |
| − | गा रहा अशान्त | + | ::गीत दिवारात |
| − | प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । | + | ::गा रहा अशान्त |
| − | प्रेम वह प्रसन्न | + | प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । |
| − | खेत में निरन्न | + | ::प्रेम वह प्रसन्न |
| − | दुर्भिक्षावसन्न | + | ::खेत में निरन्न |
| − | सृजक कृषक | + | ::दुर्भिक्षावसन्न |
| + | सृजक कृषक खड़ा दीन अन्नाधिकारी । | ||
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20:11, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी?
प्रेम वो प्रपात
गीत दिवारात
गा रहा अशान्त
प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी ।
प्रेम वह प्रसन्न
खेत में निरन्न
दुर्भिक्षावसन्न
सृजक कृषक खड़ा दीन अन्नाधिकारी ।