भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शहीद / मेरा रंग दे बसंती चोला" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
{{KKFilmRachna | {{KKFilmRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=प्रेम धवन |
}} | }} | ||
− | + | <poem> | |
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे | |
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
+ | दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है | ||
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है | एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है | ||
+ | देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला | ||
+ | मेरा रंग दे बसंती चोला ... | ||
− | + | जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे | + | |
− | + | ||
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे | जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे | ||
− | |||
− | |||
− | |||
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला | आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला | ||
− | + | मेरा रंग दे बसंती चोला ... | |
− | मेरा रंग दे बसंती चोला | + | </poem> |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + |
10:22, 10 मई 2015 के समय का अवतरण
रचनाकार: प्रेम धवन |
मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...