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translation of rath yoom kahane lag achand by ramdhari singh dinkar plz mail to h_hasin@yahoo.com
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यदि आप किसी कविता विशेष को खोज रहे हैं तो उस कविता के बारे में आप इस पन्ने पर लिख सकते हैं। कविता के बारे में जितनी सूचना आप दे सकते हैं उतनी अवश्य दें -जैसे कि कविता का शीर्षक और लेखक का नाम।<br><br>
 
यदि आप किसी कविता विशेष को खोज रहे हैं तो उस कविता के बारे में आप इस पन्ने पर लिख सकते हैं। कविता के बारे में जितनी सूचना आप दे सकते हैं उतनी अवश्य दें -जैसे कि कविता का शीर्षक और लेखक का नाम।<br><br>
  
यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।<br><br>
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* निराशावादी (लेखक: [[हरिवंशराय बच्चन]])
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तुलसीदास का दोहा - <br>
* ना मैं सो रहा हूँ ना तुम सो रही हो, मगर बीच में यामिनी ढल रही है (लेखक: [[हरिवंशराय बच्चन]])
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आवत ही हरशै नहीं , नैनं नहीं सनेह | <br>
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तुलसी तहा न जाईये , चाहे कंचन बरसे मेह || <br>
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कहाँ से लिया गया है?

19:28, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

translation of rath yoom kahane lag achand by ramdhari singh dinkar plz mail to h_hasin@yahoo.com यदि आप किसी कविता विशेष को खोज रहे हैं तो उस कविता के बारे में आप इस पन्ने पर लिख सकते हैं। कविता के बारे में जितनी सूचना आप दे सकते हैं उतनी अवश्य दें -जैसे कि कविता का शीर्षक और लेखक का नाम।

यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड़ दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।

इस पन्ने पर से आप कुछ भी मिटायें नहीं |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||


तुलसीदास का दोहा -
आवत ही हरशै नहीं , नैनं नहीं सनेह |
तुलसी तहा न जाईये , चाहे कंचन बरसे मेह ||
कहाँ से लिया गया है?