भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चौमासो / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (चौमासो .../ राजस्थानी का नाम बदलकर चौमासो / राजस्थानी कर दिया गया है)
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=अज्ञात
 
|रचनाकार=अज्ञात
 
}}
 
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
|भाषा=राजस्थानी
+
<poem>
}}
+
 
+
 
सावन लाग्यो भादवो जी
 
सावन लाग्यो भादवो जी
 
+
यो तो बरसन लाग्यो मेह, बनिसा
यो तो बरसन लाग्यो मेह , बनिसा
+
 
+
 
मोरीया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
मोरीया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
   
 
   
 
 
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
 
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
 
 
म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए, बनिसा
 
म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए, बनिसा
 
 
मोरीया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
मोरीया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
  
 
उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे
 
उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे
 
+
म्हारी उगण लागी जवार, बनिसा
म्हारी उगण लागी जवार , बनिसा
+
 
+
 
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
  
 
काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे
 
काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे
 
+
म्हारी काटूँ मैं काटूं जवार, बनिसा
म्हारी काटूँ मैं काटूं जवार , बनिसा
+
 
+
 
मोरिया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
मोरिया रे  झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
  
 
आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी
 
आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी
 
+
म्हारी कोठा में पड़गी जवार, बनिसा
म्हारी कोठा में पड़गी जवार , बनिसा
+
 
+
 
मोरीया रे झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
मोरीया रे झट चौमासो  लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
 
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
  
 
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
 
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
 
+
म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए, बनिसा
म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए , बनिसा
+
 
+
 
मोरिया रे झट चौमासो  लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे
 
मोरिया रे झट चौमासो  लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे
 
+
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे........
+
झट चौमासो  लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...
 
+
</poem>
झट चौमासो  लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे..........
+

07:12, 9 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सावन लाग्यो भादवो जी
यो तो बरसन लाग्यो मेह, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
 
म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी बनाबा ने जाए, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

उगण लागी बाजरी रे म्हारी उगन लागी बाजरी रे
म्हारी उगण लागी जवार, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

काटूं मैं काटूं बाजरी रे म्हारी काटूं मैं काटूं बाजरी रे
म्हारी काटूँ मैं काटूं जवार, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

आळ्या में पड़गी बाजरी जी म्हारी आळ्या में पड़गी बाजरी जी
म्हारी कोठा में पड़गी जवार, बनिसा
मोरीया रे झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे झट सियाळो लाग्यो रे

म्हारी द्योराणियां जेठाणियां रूसगी रे
म्हारा सासूजी मनाबा ने जाए, बनिसा
मोरिया रे झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...
झट चौमासो लाग्यो रे सियाळो लाग्यो रे...