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| − | * | + | * खारे क्यों रहे सिंधु! / महादेवी वर्मा |
| − | * | + | * इन सपनों के पंख न काटो.../ महादेवी वर्मा |
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| रचनाकार | महादेवी वर्मा |
|---|---|
| प्रकाशक | |
| वर्ष | 1984 |
| भाषा | हिन्दी |
| विषय | कविता संग्रह |
| विधा | |
| पृष्ठ | |
| ISBN | |
| विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- ठाकुर जी / महादेवी वर्मा
- बया / महादेवी वर्मा
- दीन भारतवर्ष / महादेवी वर्मा
- देशगीत : मस्तक देकर आज खरीदेंगे हम ज्वाला / महादेवी वर्मा
- ध्वज गीत : विजयनी तेरी पताका!/ महादेवी वर्मा
- ध्वज गीत : फहराता है आज तिरंगा / महादेवी वर्मा
- देशगीत : अनुरागमयी वरदानमयी / महादेवी वर्मा
- कहाँ गया वह श्यामल बादल!/ महादेवी वर्मा
- खारे क्यों रहे सिंधु! / महादेवी वर्मा
- इन सपनों के पंख न काटो.../ महादेवी वर्मा