Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
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− | + | मन में दीन-दुःखी की ममता, | |
− | + | हममें हो मरने की क्षमता, | |
− | + | मानव मानव में हो समता, | |
− | डिगे न तिल भर अपने प्रण में,हाहाकार मचावें रण में, | + | धनी गरीब समान |
− | जननी की संतान | + | गूंजे नभ में तान |
− | जय राष्ट्रीय निशान! | + | जय राष्ट्रीय निशान! |
− | मस्तक पर शोभित हो रोली, | + | तेरा मेरा मेरुदंड हो कर में, |
− | बढे शुरवीरों की टोली, | + | स्वतन्त्रता के महासमर में, |
− | खेलें आज मरण की होली, | + | वज्र शक्ति बन व्यापे उस में, |
− | बूढे और जवान | + | दे दें जीवन-प्राण! |
− | बूढे और जवान! | + | दे दें जीवन प्राण! |
− | जय राष्ट्रीय निशान! | + | जय राष्ट्रीय निशान!! |
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11:47, 14 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
जय राष्ट्रीय निशान!
जय राष्ट्रीय निशान!!!
लहर लहर तू मलय पवन में,
फहर फहर तू नील गगन में,
छहर छहर जग के आंगन में,
सबसे उच्च महान!
सबसे उच्च महान!
जय राष्ट्रीय निशान!!
जब तक एक रक्त कण तन में,
डिगे न तिल भर अपने प्रण में,हाहाकार मचावें रण में,
जननी की संतान
जय राष्ट्रीय निशान!
मस्तक पर शोभित हो रोली,
बढे शुरवीरों की टोली,
खेलें आज मरण की होली,
बूढे और जवान
बूढे और जवान!
जय राष्ट्रीय निशान!
मन में दीन-दुःखी की ममता,
हममें हो मरने की क्षमता,
मानव मानव में हो समता,
धनी गरीब समान
गूंजे नभ में तान
जय राष्ट्रीय निशान!
तेरा मेरा मेरुदंड हो कर में,
स्वतन्त्रता के महासमर में,
वज्र शक्ति बन व्यापे उस में,
दे दें जीवन-प्राण!
दे दें जीवन प्राण!
जय राष्ट्रीय निशान!!