Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) |
||
| (2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
| − | रचनाकार | + | {{KKGlobal}} |
| − | + | {{KKRachna | |
| − | + | |रचनाकार=जोश मलीहाबादी | |
| − | + | |संग्रह= | |
| + | }} | ||
| + | {{KKCatGhazal}} | ||
| + | <poem> | ||
| + | नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़ | ||
| + | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ | ||
| − | + | वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़ | |
| + | मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़ | ||
| − | + | महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे | |
| − | + | सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़ | |
| − | + | बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया | |
| − | मैं | + | मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़ |
| − | + | मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से | |
| − | + | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ | |
| − | + | <poem> | |
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से | + | |
| − | बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़ < | + | |
21:24, 5 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
नक़्श-ए-ख़याल दिल से मिटाया नहीं हनोज़
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़
वो सर जो तेरी राहगुज़र में था सज्दा-रेज़
मैं ने किसी क़दम पे झुकाया नहीं हनोज़
महराब-ए-जाँ में तूने जलाया था ख़ुद जिसे
सीने का वो चिराग़ बुझाया नहीं हनोज़
बेहोश हो के जल्द तुझे होश आ गया
मैं बदनसीब होश में आया नहीं हनोज़
मर कर भी आयेगी ये सदा क़ब्र-ए-"जोश" से
बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़