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चुप भी / चंद्र रेखा ढडवाल
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,
15:53, 16 जुलाई 2010
<poem>
बोलते हुए
चुप भी होती है औरत
बहुत बार कहीं नहीं होतान विश्वास में
,
न आस में
उसके होंठों से
झरता हुआ एक भी शब्द
बोलते हुए अक्सर
चुप भी होती है औरत
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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