भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जय बोलो बेईमान की! / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार …)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार
+
{{KKGlobal}}
ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार
+
{{KKRachna
झूठों के घर पंडित बाँचें कथा सत्य भगवान की
+
|रचनाकार=काका हाथरसी
 +
|अनुवादक=
 +
|संग्रह=काका के व्यंग्य बाण / काका हाथरसी
 +
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 +
<poem>
 +
मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार
 +
ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार
 +
झूठों के घर पंडित बाँचें कथा सत्य भगवान की
 +
जय बोलो बेईमान की!
  
जय बोलो बेईमान की!
+
लोकतंत्र के पेड़ पर कौआ करें किलोल
+
टेप-रिकार्डर में भरे चमगादड़ के बोल
लोकतंत्र के पेड़ पर कौआ करें किलोल
+
नित्य नयी योजना बनतीं जन-जन के कल्यान की
टेप-रिकार्डर में भरे चमगादड़ के बोल
+
जय बोलो बेईमान की!
नित्य नयी योजना बनतीं जन-जन के कल्यान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
महँगाई ने कर दिए राशन – कारड फेल
+
पंख लगाकर उड़ गए चीनी-मिट्टी-तेल
महँगाई ने कर दिए राशन – कारड फेल
+
क्यू में धक्का मार किवाड़ें बंद हुईं दूकान की
पंख लगाकर उड़ गए चीनी-मिट्टी-तेल
+
जय बोलो बेईमान की!
क्यू में धक्का मार किवाड़ें बंद हुईं दूकान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
डाक-तार-संचार का प्रगति कर रहा काम
+
कछुआ की गति चल रहे लैटर-टेलीग्राम
डाक-तार-संचार का प्रगति कर रहा काम
+
धीरे काम करो तब होगी उन्नति हिन्दुस्तान की
कछुआ की गति चल रहे लैटर-टेलीग्राम
+
जय बोलो बेईमान की!
धीरे काम करो तब होगी उन्नति हिन्दुस्तान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
चैक कैश कर बैंक से लाया ठेकेदार
+
कल बनाया पुल नया, आज पड़ी दरार
चैक कैश कर बैंक से लाया ठेकेदार
+
झाँकी-वाँकी कर को काकी फाइव ईयर प्लान की
कल बनाया पुल नया, आज पड़ी दरार
+
जय बोलो बेईमान की!
झाँकी-वाँकी कर को काकी फाइव ईयर प्लान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
वेतन लेने को खड़े प्रोफेसर जगदीश
+
छ:-सौ पर दस्तखत किए मिले चार-सौ-बीस
वेतन लेने को खड़े प्रोफेसर जगदीश
+
मन ही मन कर रहे कल्पना शेष रकम के दान की
छ:-सौ पर दस्तखत किए मिले चार-सौ-बीस
+
जय बोलो बेईमान की!
मन ही मन कर रहे कल्पना शेष रकम के दान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
खड़े ट्रेन में चल रहे कक्का धक्का खायँ
+
दस रुपये की भेंट में थ्री टीयर मिल जाएँ
खड़े ट्रेन में चल रहे कक्का धक्का खायँ
+
हर स्टेशन पर पूजा हो श्री टीटीई भगवान की
दस रुपये की भेंट में थ्री टीयर मिल जाएँ
+
जय बोलो बेईमान की!
हर स्टेशन पर पूजा हो श्री टीटीई भगवान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
बेकारी औ भुखमरी महँगाई घनघोर
+
घिसे-पिटे ये शब्द हैं बन्द कीजिए शोर
बेकारी औ भुखमरी महँगाई घनघोर
+
अभी ज़रूरत है जनता के त्याग और बलिदान की
घिसे-पिटे ये शब्द हैं बन्द कीजिए शोर
+
जय बोलो बेईमान की!
अभी ज़रूरत है जनता के त्याग और बलिदान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
मिल मालिक से मिल गए नेता नमक हलाल
+
मंत्र पढ़ दिया कान में खत्म हुई हड़ताल
मिल मालिक से मिल गए नेता नमक हलाल
+
पत्र-पुष्प से पाकिट भर दी श्रमिकों के शैतान की
मंत्र पढ़ दिया कान में खत्म हुई हड़ताल
+
जय बोलो बेईमान की!
पत्र-पुष्प से पाकिट भर दी श्रमिकों के शैतान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
न्याय और अन्याय का नोट करो डिफरेंस
+
जिसकी लाठी बलवती हाँक ले गया भैंस
न्याय और अन्याय का नोट करो डिफरेंस
+
निर्बल धक्के खाएँ तूती बोल रही बलवान की
जिसकी लाठी बलवती हाँक ले गया भैंस
+
जय बोलो बेईमान की!
निर्बल धक्के खाएँ तूती बोल रही बलवान की
+
  
जय बोलो बेईमान की!
+
पर-उपकारी भावना पेशकार से सीख
+
बीस रुपे के नोट में बदल गई तारीख
पर-उपकारी भावना पेशकार से सीख
+
खाल खिच रही न्यायालय में, सत्य-धर्म-ईमान की
बीस रुपे के नोट में बदल गई तारीख
+
जय बोलो बेईमान की!
खाल खिच रही न्यायालय में, सत्य-धर्म-ईमान की
+
 
+
जय बोलो बेईमान की!
+
+
नेताजी की कार से कुचल गया मज़दूर
+
बीच सड़क पर मर गया हुई गरीबी दूर 
+
गाड़ी ले गए भगाकर जय हो कृपानिधान की
+
  
 +
नेताजी की कार से कुचल गया मज़दूर
 +
बीच सड़क पर मर गया हुई गरीबी दूर
 +
गाड़ी ले गए भगाकर जय हो कृपानिधान की
 
जय बोलो बेईमान की!
 
जय बोलो बेईमान की!
 +
</poem>

11:49, 18 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

मन मैला तन ऊजरा भाषण लच्छेदार
ऊपर सत्याचार है भीतर भ्रष्टाचार
झूठों के घर पंडित बाँचें कथा सत्य भगवान की
जय बोलो बेईमान की!

लोकतंत्र के पेड़ पर कौआ करें किलोल
टेप-रिकार्डर में भरे चमगादड़ के बोल
नित्य नयी योजना बनतीं जन-जन के कल्यान की
जय बोलो बेईमान की!

महँगाई ने कर दिए राशन – कारड फेल
पंख लगाकर उड़ गए चीनी-मिट्टी-तेल
क्यू में धक्का मार किवाड़ें बंद हुईं दूकान की
जय बोलो बेईमान की!

डाक-तार-संचार का प्रगति कर रहा काम
कछुआ की गति चल रहे लैटर-टेलीग्राम
धीरे काम करो तब होगी उन्नति हिन्दुस्तान की
जय बोलो बेईमान की!

चैक कैश कर बैंक से लाया ठेकेदार
कल बनाया पुल नया, आज पड़ी दरार
झाँकी-वाँकी कर को काकी फाइव ईयर प्लान की
जय बोलो बेईमान की!

वेतन लेने को खड़े प्रोफेसर जगदीश
छ:-सौ पर दस्तखत किए मिले चार-सौ-बीस
मन ही मन कर रहे कल्पना शेष रकम के दान की
जय बोलो बेईमान की!

खड़े ट्रेन में चल रहे कक्का धक्का खायँ
दस रुपये की भेंट में थ्री टीयर मिल जाएँ
हर स्टेशन पर पूजा हो श्री टीटीई भगवान की
जय बोलो बेईमान की!

बेकारी औ भुखमरी महँगाई घनघोर
घिसे-पिटे ये शब्द हैं बन्द कीजिए शोर
अभी ज़रूरत है जनता के त्याग और बलिदान की
जय बोलो बेईमान की!

मिल मालिक से मिल गए नेता नमक हलाल
मंत्र पढ़ दिया कान में खत्म हुई हड़ताल
पत्र-पुष्प से पाकिट भर दी श्रमिकों के शैतान की
जय बोलो बेईमान की!

न्याय और अन्याय का नोट करो डिफरेंस
जिसकी लाठी बलवती हाँक ले गया भैंस
निर्बल धक्के खाएँ तूती बोल रही बलवान की
जय बोलो बेईमान की!

पर-उपकारी भावना पेशकार से सीख
बीस रुपे के नोट में बदल गई तारीख
खाल खिच रही न्यायालय में, सत्य-धर्म-ईमान की
जय बोलो बेईमान की!

नेताजी की कार से कुचल गया मज़दूर
बीच सड़क पर मर गया हुई गरीबी दूर
गाड़ी ले गए भगाकर जय हो कृपानिधान की
जय बोलो बेईमान की!