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"कोयल कूक / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल" के अवतरणों में अंतर

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'''कोयल कूक'''
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'''कविता का एक अंश ही उपलब्ध है । शेषांश आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेज दें'''
(प्रेम भावना का चित्रण )
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टअंचल में समेट पागलपन,
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अंचल में समेट पागलपन,
कलित स्मृतियाँ लायी,  
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कलित स्मृतियाँ लाई,  
 
आप बालिका से मिलने को  
 
आप बालिका से मिलने को  
है इस बन में आयी
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है इस बन में आई
 
धन हरीतिमा के नीचे  
 
धन हरीतिमा के नीचे  
 
कुछ काल बैठ रसमाती  
 
कुछ काल बैठ रसमाती  
 
यौवन का उपहार उसे दे  
 
यौवन का उपहार उसे दे  
 
उठी आज वह गाती
 
उठी आज वह गाती
तुम नव जीवन की वर्षा सी  
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तुम नव जीवन की वर्षा-सी  
धिरी हुयी कुसुमों से  
+
घिरी हुई कुसुमों से  
राज रही होगी विद्युत सी  
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राज रही होगी विद्युत-सी  
 
सुर धनुषी मेषों से  
 
सुर धनुषी मेषों से  
(कोयल कूक कविता का अंश)
 
 
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21:15, 7 मार्च 2011 के समय का अवतरण

कविता का एक अंश ही उपलब्ध है । शेषांश आपके पास हो तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम को भेज दें

अंचल में समेट पागलपन,
कलित स्मृतियाँ लाई,
आप बालिका से मिलने को
है इस बन में आई
धन हरीतिमा के नीचे
कुछ काल बैठ रसमाती
यौवन का उपहार उसे दे
उठी आज वह गाती
तुम नव जीवन की वर्षा-सी
घिरी हुई कुसुमों से
राज रही होगी विद्युत-सी
सुर धनुषी मेषों से