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"रजनीगंधा / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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अनदिख टहनियाँ
 
अनदिख टहनियाँ

15:33, 9 जुलाई 2007 का अवतरण

अनदिख टहनियाँ

रजनीगंधा की

हवा में

फैली हैं


साँसों में मेरी

लहराती हैं

चेतना को छेड़ कर

सिराओं में

जीवन का वेग

बन जाती हैं


इन के उलहने की गति

जान पाता हूँ

केवल परस से

रात रोक नहीं पाती