गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मुझे देखते रहे जो बड़ी बेरुख़ी से पहले / गुलाब खंडेलवाल
3 bytes added
,
03:42, 2 जुलाई 2011
<poem>
मुझे देखते रहे जो बड़ी
बेरुखी
बेरुख़ी
से पहले
मेरे नाम पर हैं रोते, वही अब सभी से पहले
Vibhajhalani
2,913
edits