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जुलाई 05, 2007 | ||||||||
जुलाई 05, 2006 को अंतरजाल पर स्थापित हिन्दी काव्य के खुले संग्रह कविता कोश की स्थापना को आज एक वर्ष पूरा हो गया है। इस एक वर्ष के दौरान कविता कोश का विकास तीव्र गति से हुआ और इसे काव्य-प्रेमियों और रचनाकारों का एक-सा स्नेह और सहयोग प्राप्त हुआ। इस पन्ने पर कविता कोश के इस एक वर्ष से सम्बंधित कुछ जानकारी आपके लिये रखी जा रही है।
कुछ आँकडे
कुछ लोगकविता कोश के विकास में कुछ लोगों का योगदान बहुत प्रशंसनीय रहा है। पूर्णिमा वर्मन जी कविता कोश टीम की आरम्भ से ही सदस्य रही हैं। पूर्णिमा जी और घनश्याम चन्द्र गुप्त जी ने कोश के आरम्भिक दिनों में इसमें योगदान कर इसके अंकुर को एक स्वस्थ पौधे का रूप देने में सहायता की। घनश्याम चन्द्र गुप्त जी ने वर्तनी-सुधार का कार्य बहुत लगन से किया और कोश की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद की। डा. जगदीश व्योम और जयप्रकाश मानस जी भी लम्बे समय से टीम के सदस्य रहे हैं। जहाँ डा. व्योम के तीव्र योगदान ने कोश के विकास को गति प्रदान की, वहीं मानस जी ने कोश के बारे में सूचना प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजेश चेतन जी ने "नई घटनायें" सैक्शन में काफ़ी काम किया। हाल में अनिल जनविजय जी कविता कोश टीम के सदस्य बने और थोडे़ ही समय में इन्होनें योगदान के आकँडों में लगभग बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया है। वर्तमान में अनिल जी के साथ कोश के विकास में अमित कुलश्रेष्ठ, हेमेन्द्र कुमार राय जी, तुषार जी, डा. भावना कुँवर, रामेश्वर काम्बोज जी और डा. रमा द्विवेदी इत्यादि विशेष भूमिका निभा रहे हैं।
कुछ चित्र इतिहास केकविता कोश का मुखपृष्ठ कोश के विकास के साथ-साथ विकसित हुआ है। नीचे मुखपृष्ठ के पिछले एक वर्ष में विभिन्न समय पर लिये गये चित्र इस विकास को दर्शाते हैं। चित्रों की गुणवत्ता डाउनलोड समय को कम रखने के लिये कम रखी गयी है:
कुछ भावी क़दमकविता कोश में समय के साथ-साथ नई रचनाएँ तो जुड़ ही रही हैं -इसके अलावा हिन्दी काव्य को और समग्र-रूप से कोश में स्थापित करने के प्रयास भी निरंतर किये जा रहे हैं। हाल में कविता-संग्रहों के पन्नें बनाने की शुरुआत होने से शोधार्थियों के लिये काफ़ी सुविधा होने का आशा है। इसके अलावा अन्य भाषाओं से हिन्दी में अनूदित रचनाओं को भी कोश में शामिल करने के प्रयास आरम्भ किये जा चुके हैं। रचनाकारों के विस्तृत जीवन परिचय भी कोश में धीरे-धीरे जोड़े जा रहे हैं। और भी बहुत सी संभावनाएँ है जिन पर इस समय विचार जारी है।
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