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"अलाव / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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इस हेमन्ती अन्धकार में
 
इस हेमन्ती अन्धकार में
 
                     जब
 
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अलाव हैं तुम्हारी यादें
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अलाव हैं तुम्हारी यादें—
 
देतीं आलोकित ऊष्मा
 
देतीं आलोकित ऊष्मा
 
               शब्दों को मेरे
 
               शब्दों को मेरे

11:48, 6 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

होते जा रहे निस्पन्द
इस हेमन्ती अन्धकार में
                    जब
अलाव हैं तुम्हारी यादें—
देतीं आलोकित ऊष्मा
              शब्दों को मेरे
मुझ को
राख करती हुईं ।

7 जनवरी 2010