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+ | * [[आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे / 'कैफ़' भोपाली]] |
13:53, 8 जुलाई 2013 का अवतरण
'कैफ़' भोपाली
जन्म | 1920 |
---|---|
निधन | 1991 |
जन्म स्थान | भोपाल, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'कैफ़' भोपाली / परिचय |
- दाग दुनिया ने दिए जख़्म ज़माने से मिले / 'कैफ़' भोपाली
- दर ओ दीवार पे शकलें से बनाने आई / 'कैफ़' भोपाली
- गर्दिश-ए-अर्ज-ओ-समावत ने जीने न दिया / 'कैफ़' भोपाली
- हाए लोगों की करम-फरमाइयाँ / 'कैफ़' भोपाली
- हम को दीवाना जान के क्या क्या जुल्म न ढाया लोगों ने / 'कैफ़' भोपाली
- इस तरह मोहब्बत में दिल पे हुक्मरानी है / 'कैफ़' भोपाली
- जब हमें मस्जिद में जाना पड़ा है / 'कैफ़' भोपाली
- झूम के जब रिंदों ने पिला दी / 'कैफ़' भोपाली
- काम यही है शाम सवेरे / 'कैफ़' भोपाली
- कौन आएगा यहाँ कोई न आया होगा / 'कैफ़' भोपाली
- खानकाह में सूफी मुँह में छुपाए बैठा है / 'कैफ़' भोपाली
- कुटिया में कौन आएगा इस तीरगी के साथ / 'कैफ़' भोपाली
- न आया मज़ा शब की तनहाईयों में / 'कैफ़' भोपाली
- सलाम उस पर अगर ऐसा कोई फनकार हो जाए / 'कैफ़' भोपाली
- सिर्फ इतने जुर्म पर हँगामा होता जाए है / 'कैफ़' भोपाली
- तन-ए-तनहा मुकाबिल हो रहा हूँ मैं हजारों से / 'कैफ़' भोपाली
- तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है / 'कैफ़' भोपाली
- तेरा चेहरा सुब्ह का तारा लगता है / 'कैफ़' भोपाली
- थोड़ा सा अक्स चाँद के पैकर में डाल दे / 'कैफ़' भोपाली
- तुम से न मिल के खुश हैं वो दावा किधर गया / 'कैफ़' भोपाली
- ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ नहीं चलती / 'कैफ़' भोपाली
- कौन आयेगा यहाँ कोई न आया होगा / 'कैफ़' भोपाली
- क्यों फिर रहे हो कैफ़ ये ख़तरे का घर लिए / 'कैफ़' भोपाली
- दरो-दीवार पे शक्लें-सी बनने आई / 'कैफ़' भोपाली
- झूम के जब रिन्दों ने पिला दी / 'कैफ़' भोपाली
- दाग दुनिया ने दिए ज़ख्म ज़माने से मिले / 'कैफ़' भोपाली
- हाय लोगों की करम-फर्माइयां / 'कैफ़' भोपाली
- आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे / 'कैफ़' भोपाली